प्राइमरी के बच्चे बनेंगे कब और बुलबुल, जूनियर के स्काउट और गाइड
15 जून 2025
बेसिक स्कूलों में स्काउट गाइड की गतिविधियों के तहत कब और बुलबुल दलों का गठन किया जाएगा। कक्षा एक से कक्षा पांच तक कब-बुलबुल और कक्षा छह से आठ तक के लिए स्काउट गाइड के दल बनेंगे। स्काउट गाइड के तहत कब-बुलबुल और स्काउट गाइड जैसे कार्यक्रम बच्चों में उच्च कोटि की नैतिकता अनुशासन, राष्ट्रीय एकता की भावना सहित चरित्र निर्माण भी होता है। कक्षा छह से आठ तक के बच्चे स्काउट और गाइड में होने वाली गतिविधियों से जुड़ेंगे।
प्रत्येक कब और बुलबुल ग्रुप में 24-24 बच्चे शामिल किए जाएंगे। कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए स्काउट और गाइड के जो गठन होंगे उनमें 32-32 बच्चे शामिल होंगे। गतिविधियों के संचालन के लिए भारत स्काउट एंड गाइड उत्तर प्रदेश की ओर से शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। निदेशालय से मिले निर्देशों के तहत गतिविधियों का आयोजन कराया जाएगा।
सभी स्कूलों में स्काउट और गाइड दल का गठन होगा, ऑपरेशन सिंदूर चला तब फिर स्काउट एवं गाइड की याद आई
17 मई 2025
लखनऊ। भारत-पाकिस्तान के बीच जब युद्ध जैसी स्थिति बन गई तब जिम्मेदारों को स्काउट एवं गाइड की याद आई। लिहाजा अब स्काउट एवं गाइड को भी पूरी तरह से सक्रिय करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत प्रदेश के सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से स्काउट एवं गाइड दल के गठन के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही प्रत्येक जिले में 50-50 अध्यापकों को भी सात से 10 दिनों का प्रशिक्षण दिलाए जाने को कहा गया है। यह भी कहा गया है कि पड़ोसी देश द्वारा युद्ध थोपे जाने या युद्ध जैसे हालात पैदा किए जाने के कारण स्काउट एण्ड गाइड की भी भूमिका अहम हो जाती हैं। लिहाजा सभी स्कूलों में स्काउट एण्ड गाइड दल का गठन कर उसे घायलों को फस्ट ऐड देने, आनन-फानन में स्ट्रेचर का निर्माण करने, गम्भीर रूप से घायल लोगों को निकटतम अस्पतालों तक पहुंचाने आदि की ट्रेनिंग दिलाई जाए।
सभी स्कूल प्रशासन से कहा गया है कि स्कूली बच्चों के बीच नैतिकता, अनुशासन, राष्ट्रीय एकता एवं सेवा व मदद की भावना जगाने तथा चरित्र निर्माण के गुणों का विकास करने के लिए स्काउट एवं गाइड का गठन अनिवार्य हो जाता है। ऐसे में कक्षा एक से कक्षा पांच तक के बालकों का 'कब' नाम से दलों का गठन किया जाए जबकि बालिकाओं का 'बुलबुल' के नाम से दल का गठन किया जाए। प्रत्येक दल में 24 कब व 24 बुलबुल होंगी। वहीं कक्षा छह से कक्षा आठ तक लड़कों का दल 'स्काउट' व लड़कियों का दल 'गाइड' के नाम से बनेगा।
स्काउट एवं गाइड के क्या हैं कार्य और दायित्व
युद्ध या प्राकृतिक अथवा किसी आपदा के अलावा सामाजिक कार्यों में भी स्काउट एवं गाइड की भूमिका काफी अहम हो जाती है। इनका मूल मंत्र ही है तैयार रहो। युद्ध या आपदाओं के दौरान स्काउड एवं गाइड दल के सदस्य घायलों को तत्काल फस्ट ऐड की सहायता प्रदान कराते हैं। गम्भीर रूप से घायलों को स्वनिर्मित स्ट्रेचर पर लादकर पास के अस्पताल तक पहुंचाना तथा भूखे लोगों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था कर उन्हें सहायता पहुंचना है। इसके अलावा सामाजिक कार्यों में भी इनकी भूमिका अहम रहती है। मतदान के दौरान मतदाताओं को बूथ तक ले जाने में मदद करना भी एक जिम्मेदारी है।
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